सोमवार, 7 दिसंबर 2009

भगवान आप के बारे में कुछ सोच रहा है।

साधारण लोगों को परेशानी,दुख व असफलता अधिक मिलती है,क्यो?

ताकि वो असाधारण बन सकें।

जीवन भर हारने के बाद लिंकन उम्र के आखरी पडा़व पर अमेरिका के राष्ट्रपति बनें,

गाँधी जी साधारण वकील से राष्ट्रपिता कैसे बनें ये हम सब जानते हैं,

विल्मा रूडोल्फ को भगवान ने विकलांग बनाया तभी तो उसने ओलंपिक में तीन स्वर्ण जीत इतिहास बनाया,

कलाम जी को उनकी बहन ने कंगन बेच कर पढा़या,

आईन्स्टीन जन्म के समय मन्दबुद्धि थे,आज दुनिया उन्हें सदी का वैज्ञानिक मानती है,

क्या इतने उदाहरण काफी नहीं,

क्या आप भी अपने आप को असाधारण मानते है?

क्या आप भी परेशान हैं?

क्या आप का भी मजाक उडा़या जाता है?

यदि हाँ,तो खुस हो जाइए


भगवान आप के बारे में कुछ सोच रहा है।

"हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है"

बुधवार, 2 दिसंबर 2009

उस पर फोकस करें जिसे आप चाहते हैं।

अधिकतर लोगों के सोचने का तरीका ये होता है जैसे-

मेरे पास वैसा घर नहीं जैसा मैं चाहता हूँ,

मेरे पास वैसी कार नहीं जैसी मै चाहती हूँ,

मेरे पास वैसी बीबी व बच्चे नहीं जैसा मै चाहता हूँ,

मेरे पास वैसी सेहत नहीं जैसा मै चाहता हूँ इत्यादि इत्यादि..

हमारा अवचेतन दिमाग सही या गलत में फर्क नहीं जानता

यह हमें वही देता है जो हम इससे माँगते हैं।

अच्छा माँगेगे अच्छा मिलेगा बुरा तो बुरा।

हमारे सोचने का तरीका ऐसा होना चाहिए-

मेरे पास अच्छा घर है पर मैं चाहता हूँ और अच्छा हो जाए,

मेरे पास अच्छा काम है और यह और अच्छा हो सकता है,

मेरी सेहत अच्छी है और यह और अच्छी हो सकती है।

इस तरह सोंचे आप अवश्य सफल होगें।

हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है।

"हम जो भी हैं, अपने विचारों के कारण हैं"{बुद्ध}

अधिकतर लोग अपनी वर्तमान परिस्थितियों की तरफ देखकर दुखी होते रहते हैं।

जैसे कि मेरा बैंक बैंलेन्स बहुत कम है

मेरी सेहत खराब है

मै कर्ज में डूबा हूँ,इत्यादि,इत्यादि

लेकिन ये उनका वर्तमान स्वरूप नहीं है।यह तो उनके पुराने विचारों व कार्यों का फल है।

हम हरदम पुराने विचारों और कार्यों के परिणामों के साथ जीते हैं।

यदि लोगों का नजरिया वर्तमान में यही रहता है तो वे एक तरह से अपना भविष्य खराब कर रहें हैं।

हम अपना वर्तमान सुधार कर अपना भविष्य सुधार सकते हैं।

हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है।

सोमवार, 30 नवंबर 2009

मार्किता

मार्किता एक ऐसी लड़की है जो कठिन परिस्थितियों में रही।

उसके पिताजी ने घर छोड़ दिया था और उसकी माँ वेटर के रूप में कार्य करती थीं।

मार्किता को उसकी माँ ने बताया कि वो उसकी पढा़ई के लिए पैसे बचा रहीं हैं।

मार्किता की माँ घूमने की बहुत शौकीन थी इसका पता उनके घर की

दिवारों पर लगे दुनिया के यात्राओं के चित्र देखकर लग जाता है।

उसकी माँ ने उसे बताया कि वो उसको दुनिया भी घुमाना चाहती हैं

इसी लिए वो ओवरटाईम कर के पैसे बचा रहीं हैं।

मार्किता ने ध्यान से पूरी बात सुनी और फैसला किया कि वो

अपने माँ के फैसला किया कि वो अपने माँ के सपनों को पूरा करेगी।

लेकिन वो छोटी बच्ची क्या कर सकती थी?

गर्ल स्काउट के रूप में मार्किता ने पढा़ था कि यदि वह ढेर

सारी स्काउट बिस्कुट बेचे तो वह घूमने का ट्रिप जीत सकती है।

मार्किता ने फैसला किया।क्या आप जानते हैं?

मार्किता ने मानसिक चित्रण किया कि उसने ढेर सारे बिस्कुट बेच

लिए हैं और वो अपने माँ के साथ घुमने का ट्रिप जीत लिया है।

सुबह वो बिस्कुट बेचने निकल पडी़।

बारिष में भीगती बच्ची द्वारा बिस्कुट खरीदने के लिए आग्रह करने पर कोई मना कैसे कर सकता है?

पाँच वर्षों में उसने ब्यालिस हजार डिब्बे बेचे।उसने अपने माँ को घुमाने का सपना पूरा किया।

उसकि प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैल गई।

आई बी एम कम्पनी में बोलने के लिए बुलाया,वह बोली और हर कर्मचारी को बिस्कुट बेचा।

वाल्ट डिजनी प्रोडक्सन ने उसके विसय में कुकी लेडी नामक फिल्म भी बनाई।

उसकी पुस्तक 'हाउ टू सेल मोर कुकीज' बेस्ट सेलर बन गई।

यदि हम कुछ सोचते हैं और उसमें हमारी भावनाएं जुड़ जाती हैं तो प्रकृति उसे सत्य करने की पूरी कोशिस करती है।

हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है।

सोमवार, 23 नवंबर 2009

एक डिग्री सेल्सियस(प्रेरणा) का महत्व


 

पानी को अगर निन्यान्वे डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाए तो वह उबलने लगता है।

वह इतना गर्म हो जाता है कि उससे हमारा हाथ झुलस सकता है।

परन्तु फिर भी उसे भाप बनने के लिए एक डिग्री सेल्सियस की और आवश्यक्ता होती है|

बिना उसके वह भाप नहीं बन सकता।जब पानी भाप बन जाता है तो उससे बडे़

से बडा़ इंजन ,जहाज इत्यादि आसानी से खीचा जा सकता है।

हम जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं तो हमें,

निन्यान्वे डिग्री सेल्सियस (कडी़ मेहनत) के अलावा

एक डिग्री सेल्सियस (प्रेरणा)की भी आवश्यक्ता होती है।

प्रेरणा क्या है


अपने लक्ष्य के ओर आत्म केन्द्रित रहना ही प्रेरणा है।

गाँधी जी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित थे उन्होंने अपने लक्ष्य को

अपनी आँखो से कभी ओझल नही होने दिया।

इस तरह के कई उदाहरण आपके सामने होंगे ढूढ़ने की कोशिस तो करिए?

मेरा मानना है हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है।

शुक्रवार, 5 जून 2009

अगर आप सफल होना चाहते हैं

अगर आप सफल होना चाहते हैं
तो दूसरों को सफल होने में मदद कीजिये


आप खुद ब खुद सफल हो जायेंगे।(
अज्ञात)

जल्दी मर जाना अच्छा है,पर बेकार की जिन्दगी जीना उससे लाख गुना बुरा है।(अज्ञात)

आप हर दिन इस तरह मेहनत करें जैसे कि आपका जीवन इसी पर निर्भर है।(अज्ञात)

अगर आप सोचते हैं कि आप प्रभाव उत्पन्न करने के लिये बहुत छोटे हैं,तो कमरे में एक मच्छर के साथ सोने की कोशिश कर के देख लें।(अनीता रोडिक)

जब किसी के मन में उड़ने का आवेग हो,तो वह रेंगने के लिये सहमत नहीं हो सकता।(हेलन केलर)

अगर A=सफलता है ,तो मंत्र है A=X+Y+Z,जहाँ Xकाम, Yलगन,Zअपना मुँह बन्द रखना है।(आइंस्टीन)

गुरुवार, 14 मई 2009

जोश में होश ना खोयें

दस आदमी और एक औरत हेलीकाप्टर से रस्सी द्वारा लटके है रस्सी
कमजोर होने की वजह से एक साथ इतने लोगों को एक साथ लेकर चलना सं भव नहीं था।कम से कम एक आदमी को रस्सी छोड़नी ही थी,नहीं तो बाकी सभी मारे जाते।
इस काम के लिये कौन अपनी जान जोखिम में डालेगा?इस बात पर गहन विचार मंथन चल रहा था।तभी इकलौती महिला ने भावुक होकर कहा ,"मै स्वेच्छा से रस्सी छोड़ने के लिये तैयार हूँ,क्योंकि त्याग करना स्त्री का स्वभाव रहा है और वह रोज अपने घर,अपने बच्चों तथा पति के लिये नि:स्वार्थ भाव से त्याग करती है"
जैसे ही महिला ने अपनी बात समाप्त की,सभी आदमी एक साथ ताली बजाने लगे आगे आप जानते हैं क्या हुआ होगा।

गुरुवार, 26 फ़रवरी 2009

हर व्यक्ति अपने तरीके से सोचता

एक दिन सुबह सुबह एक पादरी ,एक डाक्टर व एक इंजीनियर गोल्फ के मैदान में जाते हैं
।उनसे पहले एक ग्रुप वहाँ था, जो थोडी़ धीमी गति से गोल्फ खेल रहा था।इंजीनियर बोला,ये बुद्धु लोग कौन हैं हम यहाँ पन्द्रह मिनट से प्रतिछा कर रहें हैं।डाक्टर बोला मैने ऐसा बेकार गोल्फ कभी नहीं देखा।पादरी बोला वह देखो मैदान का मालिक आ रहा है उससे पुछते हैं।उसने पुछा जार्ज ये ग्रुप इतना धीमें क्यों खेल रहा है।इनकी क्या समस्या है?
जार्ज ने उन्हें बताया कि यह नेत्रहीन ग्रुप है जिनकी आख इस गोल्फ क्लब को आग से बचाते समय चली गई।अत: हम इन्हें जितनी देर चाहे खेलने देते हैं।
सब लोग थोडी देर के लिये चुप हो जाते हैं।पादरी कहता है मै इनके लिये आज रात प्रार्थना करूगा।
डाक्टर बोला मै अपने डाक्टर मित्रों से इनके आँख के बारे में चर्चा करूगा।
इंजीनियर बोला यह लोग रात को क्यों नहीं खेलते।

किसी परिस्थिति पर हर व्यक्ति अपने तरीके से सोचता है।इंजीनियर यहाँ पर समस्या के समाधान के बारे में सोच रहा है।

रविवार, 22 फ़रवरी 2009

दर्द का क्या है वो तो गुजर जाता है

महान फ्रांसिसी पेन्टर रेनुआ गठिया रोग से पीडि़त थे।परन्तु फिर भी वे पेन्टिंग करते थे।ब्रश पकडने में उन्हें असहनीय पीडा़ उठानी पड़ती थी।एक दिन उन्हें ऐसा करते देख उनके मित्र ने कहा कि आखिर वो ऐसा क्यों करते हैं?
पियरे रेनुआ ने कहा,"दर्द का क्या है वो तो गुजर जाता है,परन्तु खू़बसूरती रह जाती है।

बुधवार, 18 फ़रवरी 2009

मै अपने लड़को को भी बड़ा कर रहा हूँ

एक किसान के कई लड़के थे और वह उनसे
खेत पर बहुत मेहनत करता था।
एक दिन उसके पडो़सी ने कहा फसल
उगाने के लिये लड़को से इतनी
मेहनत कराना जरूरी नहीं।किसान
ने शान्त रूप से लेकिन दृढ़ता से जवाब
दिया,"मै सिर्फ फ़सल बडी़ नहीं कर रहा,बल्कि मै अपने लड़को को भी बड़ा कर रहा हूँ।