पानी को अगर निन्यान्वे डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाए तो वह उबलने लगता है।
वह इतना गर्म हो जाता है कि उससे हमारा हाथ झुलस सकता है।
परन्तु फिर भी उसे भाप बनने के लिए एक डिग्री सेल्सियस की और आवश्यक्ता होती है|
बिना उसके वह भाप नहीं बन सकता।जब पानी भाप बन जाता है तो उससे बडे़
से बडा़ इंजन ,जहाज इत्यादि आसानी से खीचा जा सकता है।
हम जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं तो हमें,
निन्यान्वे डिग्री सेल्सियस (कडी़ मेहनत) के अलावा
एक डिग्री सेल्सियस (प्रेरणा)की भी आवश्यक्ता होती है।
प्रेरणा क्या है
अपने लक्ष्य के ओर आत्म केन्द्रित रहना ही प्रेरणा है।
गाँधी जी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित थे उन्होंने अपने लक्ष्य को
अपनी आँखो से कभी ओझल नही होने दिया।
इस तरह के कई उदाहरण आपके सामने होंगे ढूढ़ने की कोशिस तो करिए?
मेरा मानना है हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है।
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