सोमवार, 14 जून 2010
हराने से क्या हराना
दुनिया भर में ऐसे लाखो उदाहरण हैं जिनमे लोग हराने के बाद ही जीते हों |
जिस वर्ष कोक बाजार में उतरी थी उसके सिर्फ 400 बोतल बीके थे |
आइन्स्टीन की पी एच डी करने को अस्वीकृत कर दिया गया था |
हेनरी फोर्ड दो बार दिवालिया घोषित किये गए थे|
, रोडिन को तीन बार आर्ट स्कूल में दाखिला नहीं मिला फिर भी वो महँ मूर्तिकार बने|
अब्राहन लिंकन सात बार चुनाव हारे|
ऐसे दुनिया भर में लाखो उदाहरण है |
इन सभी मामलों में अवरोध,निराशा,अस्वीकृति और असफल कोशिशे इन्हें रोक नहीं पाई|
इन लोगो ने विफलता को ही सफलता की सीढ़ी बनाया|
यही वो अंतर है जो साधारण को अशधारण बनता है|
लेबल:
अब्राहन लिंकन,
कोक,
रोडिन,
हराने से क्या हराना,
हेनरी फोर्डरोडिन
सदस्यता लें
संदेश (Atom)