बुधवार, 28 अप्रैल 2010

हम गमलों को नहीं बल्कि बच्चों को पाल रहे हैं।


मेरे पडोसी के दो बच्चे हैं,जिनकी उम्र पाँच व सात साल है।एक दिन मेरा पडोसी अपने बच्चों को टेनिस खेलना सिखा रहा था।फिर मेरा पडोसी पेपर पढने लगा व बच्चे आपस मे खेलने लगे।कुछ बात को लेकर दोनों में कहासुनी हुई तभी बडे लड़के ने छोटे को धक्का दे दिया और छोटा बच्चा फूलों के गमले पर गिर गया।और महगे गमले टूट गये।
मेरे पडोसी ने जब गमलों को देखा तो उसका संयम जवाब दे गया।वह उँची आवाज मे अपने बच्चों को डाटने लगा।पडोसी की पत्नि बाहर आई और पडोसी से बोली सान्त हो जायो और याद रखो हम गमलों को नहीं बल्कि बच्चों को पाल रहे हैं।

शनिवार, 24 अप्रैल 2010

गूगल महाराज की जय


क्या आप बैन्क पीओ,आई ए एस ,पी सी एस,बी एड इत्यादि की तैयारी कर रहें हैं?
क्या आप को जनरल नालेज याद करना मुस्किल लगता है?
यदि आप को रोजाना दो या तीन जी के के प्रश्न मोबाईल पर मिलें तो कैसा हो?
ये गूगल महाराज की वजह से सम्भव है।
आप को करना बस ये है
अपने मोबाईल के राइट मैसेज मे जाकर
step1- on bestgkbt [आन के बाद स्पेस रहेगा]
step2-9870807070 पेर सेन्ड कर दे आप का डेढ़ रू कट जाएगा फिर आपको रोजान दो या तीन प्रश्न फोन पर फ्री में मिलते रहेंगे

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010

मौत का शब्द बुजदिलों के किताब में होता है


नेपोलियन से एक बार पूछा गया अगर लडाई के मैदान में आपकी मौत हो गई तो क्या होगा?
इस पर नेपोलियन ने हसते हुए कहा,"मै नहीं जानता की मौत क्या होती है और  मौत किसे कहते हैं?मैने जिन्दगी की कहानी पढी है-उसमें मैने मनोबल से जीने के अलावा कुछ सीखा ही नहीं,फिर यह मौत क्या होती है?मौत का शब्द बुजदिलों के किताब में होता है।सुनने वाले भौच्चक्के रह गये।

बुधवार, 21 अप्रैल 2010

जस्ट डू इट


उस महिला की कहानी आपने सुना है क्या?
जिसे मिठाई से बडा प्रेम था।
उसने सोचा कि वह अपनी मिठाई,
उस दिन नहीं बल्कि अगले दिन खायेगी।
समस्या यह थी कि वह टाइटेनिक जहाज पर यात्रा कर रही थी।
जो उसी दिन डूब गया।

जो होता है अच्छे के लिए होता है


चीन के एक छोटे गाँव में एक बुद्धिमान पिता रहता था।
उसका बहुत सम्मान किया जाता था,उसकी बुद्धि की वजह से नहीं
बल्कि उसके पुत्र व उसके शक्तिशाली घोडे के कारण जो कि उसके पास था।
एक दिन उसका घोडा भाग गया।
उसके सारे पडोसी आये और बोले बडे दुख की बात है किस्मत ही खराब है।
पिता ने जवाब दिया इसे आप खराब किस्मत क्यों कह रहें हैं?
अगले दिन उसका घोडा कई और घोडो के साथ वापस आ गया।
उसके सारे पडोसी आये और बोले कितनी अच्छी किस्मत है।
पिता ने जवाब दिया इसे आप अच्छी किस्मत क्यों कह रहें हैं?
कुछ दिनो बाद उसका बेटा जब नये घोडे पर घुड़सवारी कर रहा था
तो वह गिर गया तथा उसका दाहिना हाथ टूट गया।
उसके सारे पडोसी फिर आये और बोले बडे दुख की बात है कितनी खराब किस्मत है।
इस पर समझदार पिता ने जवाब दिया ,"इसे आप खराब किस्मत क्यों कह रहें हैं?"
कुछ समय बाद दुष्ट सैनिक गाँव में आये और गाँव के सभी तन्दरूस्त नौजवानों को अपने साथ ले गये।
कुछ समय बाद खबर आई कि सभी नौजवान मारे गये।
जो होता है ,अच्छे के लिए होता है।

बुधवार, 14 अप्रैल 2010

अगर हम सफल होना चाहते हैं


जब हम जीतते हैं तो क्या करते हैं?
कुदते हैं ,चिल्लाते हैं ,खुस होते हैं ,पार्टी मनाते है..............
लेकिन जब हम हारते हैं तो क्या?
तो हमे और ज्यादा खुस होना चाहिए,क्यों?
क्योंकि हमने किसी और को खुस होने,कुदने ,पार्टी मनाने व चिल्लाने का मौका जो दिया है............हमारा एटीच्युड ऐसा ही होना चाहिए........
हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है.........................
अगर हम सफल होना चाहते हैं तो,हमें दूसरों को सफल होने में मदद करना चाहिए.................हम खुद ब खुद सफल हो जाएँगे...................

जूता



एक बार ट्रेन पर चढते समय गाँधी जी का जूता पटरी पर नीचे गिर गया।ट्रेन चलने लगी थी वे उसे उठा नहीं सकते थे।उन्होंने अपना दूसरा जूता निकाला व पहले वाले के पास फेंक दिया।यह देख बाकि यात्री हैरान रह गये।उनके सहयात्री ने जब इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा,"एक पैर का जूता मेरे लिए बेकार था अब कम से कम जिस गरीब को वो मिलेगा वह उसका प्रयोग तो कर लेगा"।

जिंदगी एक गीत है


जिंदगी एक गीत है -इसे गाओ
जिंदगी एक खेल है -इसे खेलो
जिंदगी एक चुनौती है - इसका सामना करो
जिंदगी एक सपना है -इसे साकार करो
जिंदगी एक त्याग है  -इसे कर दो
जिंदगी प्रेम है - इसका आनन्द लो
                        साईं बाबा

शनिवार, 10 अप्रैल 2010

मैदान छोड़ दो!हार मान लो! तुम हार चुके हो


"मैदान छोड़ दो!हार मान लो! तुम हार चुके हो!
वे मुझसे चिल्लाकर कह रहे थे और आग्रह कर रहे थे।
"अब तुम्हारे खिलाफ बहुत ज्यादा मुश्किलें हैं;
इस बार तुम सफल नहीं हो सकते!
    और जब मैने अपना सिर
    असफलता में झुकाया,
    तो एक दौड़ की याद ने
    मुझे नीचे गिरने से रोक दिया।
जब मैंने वह दृश्य याद किया,
तो मेरी कमजोर इच्छाशक्ति मजबूत बनने लगी;
क्योंकि उस छोटी सी दौड़ की याद भर से
मेरी आत्मा में स्फूर्ती दौड़ जाती है।

 

बच्चों की एक दौड़ थी
मुझे कितनी अच्छी तरह याद है।
रोमांच यकीनन!लेकिन डर भी था;
यह बताना मुश्किल नहीं था।
 

वे सब आशा से भरे लाइन में खडे थे
सभी के मन में सिर्फ दौड़ जीतने का विचार था।
या पहले नम्बर पर टाई करने का या अगर यह न हो सके,
तो कम से कम दूसरे नम्बर पर रहने का।
 

सभी के पिता बाहर से देख रहे थे
सभी अपने बेटे का हौसला बढा रहे थे।
हर लडका अपने पिता के सामने
दौड़ जीतकर दिखाना चाहता था।
 

सीटी बजी और वे दौड़ पडे।
छोटे दिल और आशाएँ सुलग रहे थे।
हर छोटे लड़के की इच्छा
जीतने और हीरो बनने की थी।
और एक लडके की खासकर,
जिसके डैडी भीड़ में थे।
वह सबसे आगे दौड़ रहा था और सोच रहा था:
"मेरे डैडी को बहुत गर्व होगा!"
लेकिन अब उसने तेजी से
एक ढ़लान पर दौड लगाई,
तो जीतने के बारे में सोचने वाला वह लडका
लडखडा गया और फिसल गया।
खुद को बचाने की कोशिश करते हुए
उसने अपने हाथ जमीन पर टेकने की कोशिश की,
लेकिन दर्शकों की हँसी के बीच
वह मुँह के बल जमीन पर गिर गया।
वह नीचे गिरा और उसकी उम्मीद भी
-वह अब जीत नहीं सकता-
शर्मिन्दा दुखी होकर वह सोच रहा था
काश वह गायब हो सकता।
लेकिन जब वह गिरा तो उसके डैडी उठकर खडे हुए
और लडके को उनका चिंतित चेहरा दिखा,
जो लड़्के से स्पष्टता से कह रहा था:
"उठो और दौड़ जीत लो"
वह जल्दी से उठा,कोई नुकसान नहीं हुआ था
-वह थोडा सा पिछे था,बस इतनी सी बात थी-
वह पूरी ताकत व मन से भागा,
ताकि गिरने की भरपाई कर सके।
वह आगे निकलने के बारे में इतना चिंतित था
-दूसरों से आगे निकलकर जीतने के लिए-
कि उसका मन उसके पैरों से तेज भागने लगा;
वह फिसल गया और दोबारा गिर गया।
उसने सोचा काश उसने वह दौड़ पहले ही छोड़ दी होती
एक ही अपमान के साथ।
"अब मै धावक के रूप में बेकार हूँ;
अब मुझे कभी दौडने की कोशिस नहीं करनी चाहिए।"
 

लेकिन उसने हँसती हुई भीड़ में देखा
और उसे वहाँ अपने पिता का चेहरा दिखा;
जिनका स्थाई भाव दोबारा कह रहा था:
"उठो और दौड़ जीत लो!"
 इसलिए वह दोबारा कोशिश करने के लिए उछला
-आखिरी धावक से दस गज पीछे-
 

"अगर मुझे इतने गज का फासला पाटना है,"उसने सोचा,
"तो मुझे बहुत तेज दौडना होगा।"
उसने पूरा दम लगा दिया
उसने आठ या दस को पार भी कर लिया,
 

लेकिन सबसे आगे निकलने की इतनी ज्यादा कोशिश में
वह एक बार और फिसला और गिर गया।
पराजय!वह यहाँ पर खामोशी से पडा रहा
-उसकी आँख से एक आँसू टपका-
"अब दौडने से कोई फायदा नहीं है-
 

तीन बार गिर चुका हूँ:अब मैं बाहर हूँ!कोशिश क्यों करूँ?"
उठने की इच्छा गायब हो गई थी;
सारी उम्मीद हवा हो गई थी;
इतना ज्यादा पीछे,इतनी गलतियाँ करने वाला:
पराजित।
 

"मै हार चुका हूँ,इसलिए क्या फायदा." उसने सोचा,
"मैं अपमान के साथ जी लूँगा।"
लेकिन फिर उसने अपने डैडी के बारे में सोचा,
जिनका उसे जल्द ही सामना करना पडेगा।
"उठ जाओ,"एक आवाज गूँजी।"उठ जाओ और अपनी जगह लो,
तुम यहाँ प असफल होने के लिए नहीं आये हो।
उठो और दौड़ जीत लो।
 

अपनी इच्छा सकती को जगाओ और उठ जाओ,
"तुम बिल्कुल भी नही हारे हो।
क्योंकि जीतने का मतलब यही है:
जब भी गिरो तो उठ कर खडे हो जाओ।"
 

इसलिए वह एक बार फिर भागने के लिए उठा
 और नये संकल्प के साथ
उस ने ठान लिया कि जीत हो या हार,
कम से कम वह मैदान नहीं छोडेगा।
 

अब वह दुसरों से बहुत पीछे था
-सबसे पीछे था-
लेकिन फिर भी उसने पूरी ताकत लगा दी,
और ऐसे दौडा जैसे जीतने के लिए दौड रहा है।
 

वह तीन बार गिरा था;
 तीन बार उठा था;
वह इतना ज्यादा पीछे था कि जीतने की कोई उम्मीद नहीं थी
फिर  भी वह आखिर तक दौडा।
 

दर्शकों ने विजेता धावक के लिए ताली बजाई,
जिसने रेखा को सबसे पहले पार किया।
सिर तना हुआ, गर्वीला और खुस;
न गिरा, न अपमान सहा।
 

लेकिन जब गिरे हुए बच्चे ने,
सबसे आखिर में लाईन पार की
तो दर्शकों ने उससे भी ज्यादा तालियाँ बजाई।
क्यों कि उसने दौड़ पूरी कर ली थी।
    

बुधवार, 7 अप्रैल 2010

दो भाई


दो भाई अपने खेत में एक साथ काम करते थे।उनमें से एक शादी-शुदा था और उसके बच्चे भी थे।दूसरा कुँआरा था।हर शाम को दोनो भाई फसल और मुनाफे को बराबर-बराबर बाटँ लेते थे।
फिर एक दिन छोटे भाई ने सोचा,"यह ठीक नहीं की फसल और मुनाफे में से बराबर हिस्सा लें।मैं अकेला हूँ और मेरी जरूरतें कम हैं ।इसलिए मेरे भाई को ज्यादा मिलना चाहिए"।हर रात वह अपने खेत से एक बोरा उठाता व अपने भाई के खेत में रख आता।
शादी शुदा भाई ने सोचा,"यह ठीक नहीं की दोनों भाई फसल और मुनाफे में से बराबर हिस्सा लें।मै शादी शुदा हूँ और मेरा देखभाल करने के लिए पत्नी व बच्चे हैं।मेरा छोटा भाई अकेला है उसे अधिक मिलना चाहिए।हर रात वह अपने खेत से एक बोरा उठाता व अपने भाई के खेत में रख आता।
दोनों भाई बरसों तक हैरान होते रहे कि उनके बोरे कम क्यों नहीं होते।एक रात को दोनों भाई आपस में टकरा जाते हैं और अपने बोरे पटककर एक दूसरे को गले लगा लेते हैं।

शनिवार, 3 अप्रैल 2010

हंसो को भी विज्ञान की जानकारी होती है


आपने हंसो को आकाश में उडते जरूर देखा होगा।
लेकिन क्या आपने गौर किया है कि वो अकसर,
वी शेप में उड़ते नजर आते है।ऐसा क्यो?
अगर आपने गौर किया हो तो शायद आप
को यह भी दिखा हो समूह में सबसे आगे वाले
हंस बराबर पंख चलाते हैं,उनके पीछे वाले नहीं।ऐसा क्यों?
और कुछ देर बाद आगे वाला हंस पीछे चला जाता है और
अब जो आगे होते हैं अब पंख चलाने की बारी उनकी है,यह क्रिया
निरन्तर चलती रहती है।ऐसा क्यो?
अब मै जो आपको बताने जा रहाँ हूँ उसे सुनकर चौंकिये नहीं।
हंसो को भी विज्ञान की जानकारी होती है।
आपने जहाज को देखा है ना वो भी तो वी शेप(v के आकार) का होता
 है क्योंकि इस शेप में हवा का घर्षण बहुत कम होता है।
क्यों अब आपका क्या कहना है?
अब बात दूसरे क्यों की।
अकसर हमें हमारे बुजुर्ग कहते हैं कि रेल के पास मत जाओ वो तुम्हें अपनी ओर खींच लेगा।
दर असल रेल हमें नहीं खींचता बल्कि हम खुद ब खुद उसकी ओर खिंच जाते हैं।
जब रेल तेजी से आती है तो उसके पास की वायु का वेग बहुत अधिक हो जाता है तथा वहाँ का दाब कम हो जाता है और हम अधिक दाब से कम दाब की ओर खिंच जाते हैं।आपने देखा होगा जब आँधी
आती है तो टिन सेड उड़ जाते हैं इसका भी यही कारण है।
आगे वाला हंस पंख चलाता है तो वहाँ का वेग बहुत अधिक हो जाता है और वहाँ दाब कम हो जाता है तथा वहाँ आंसिक निर्वात उत्पन्न हो जाता है और पीछे वाला हंस अपने आप आगे खिंच जाता है और इस तरह वे मीलों का सफर आसानी से कर सकते हैं।
 

उसके जैसा भाई


आफिस से बाहर आकर रवी अपनी फारारी की तरफ देखता है जो उसके भाई ने उसके बर्थ डे पर परसों ही गिफ्ट दिया है।वो सोचता है कि वो कितना खुश किसमत है जो उसको इतना प्यार करने वाला भाई मिला।तभी एक लड़के की आवाज से उसका ध्यान भंग हो जाता है।वो देखता है कि एक लडका जो देखने से ही गरीब दिख रहा है उससे कहता है क्यों साहब आज बहुत खुस दिख रहे हो।फिर लडका तपाक से उससे कहता है कि क्यों साहब क्या आप मुझे अपने कार में घुमायेंगे ?कोई और दिन होता तो रवी उसको मना कर देता लेकिन आज वो बहुत खुस था।
कुछ देर बाद रवी और लडका कार में थे।कुछ देर बाद लडका कहता है कि साहब क्या आप अपनी कार मेरे मुहल्ले से ले के चलेंगे?रवी भाँप जाता है कि लडका क्या चाहता है वो शायद अपने मुहल्ले वालों पर रोब डालना चाहता है।अब कार लडके के मुहल्ले में थी।
तभी लडका एक घर के सामने रूक कर कहता है,एक मिनट साब जाईयेगा नहीं मै अपने छोटे भाई को लेकर आता हूँ।और वह घर के अन्दर भाग जाता है।कुछ देर बाद वह घर से बाहर आता है उसके हाथ में उसका छोटा भाई होता है जो चल नहीं सकता है।उसको कार की तरफ इसारा करते हुए वह कहता है छोटे एक दिन मै तुझे भी इसी तरह की कार दुंगा शाहब से पूछ लो उनको ये कार इनके बडे भाई ने दिया है यह कह कर वह घर के अन्दर चला गया...................