सोमवार, 17 मई 2010

प्यारी माँ

प्यारी माँ

वक्त कितना बदल गया है
कल जब हम छोटे थे
और कोई हमारी बात
 नहीं समझता था
तब सिर्फ एक हस्ती थी जो
जो हमारे टूटे फूटे अल्फाज
भी समझ जाती थी
और आज हम उसी
हसती को कहते हैं
’आप नहीं जानती’
आप नहीं समझ पाएगीं
आप की बाते मुझे समझ नहीं आती
हो गई आप खुश
बडे़ शर्म की बात है
क्यों है ना?
,चलो उस हसती का सम्मान करें
जो है
’प्यारी माँ’