जब भारत के राष्ट्रपति
कलाम जी एयर फोर्स के
लिये क्वालिफाई नहीं कर
पाये थे तो स्वामी शिवानन्द
की जिन पक्तियों ने
उन्हें सकारात्मक सोच
कायम रखने की प्रेरणा दी
,वे थीं,"यदि तुम सच्चे ह्रदय से
स्वप्न देखते हो और तुम्हारे
स्वप्न पवित्र व लक्ष्यकेन्द्रित
हैं तो उनमें एक
अद्वितीय इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक
का समावेश हो जाता हईस्लिये
जब दिमाग सोता
है तो वह शक्ति की
निरवता में बहता जाता है
और भोर के साथ अन्य दैविय
पिण्डों की शक्ति को साथ
लेकर वापस आती है
और मस्तिष्क में एक
ब्रह्माण्डीय शक्ति भर देति हैआपको
इस शक्ति पर विश्वास
करते हुये यह मानना पडे़गा
कि सूर्य कल फिर निकलेगा।
" विजय की शुरूआत प्रारंभ से होती है"