एक बार ट्रेन पर चढते समय गाँधी जी का जूता पटरी पर नीचे गिर गया।ट्रेन चलने लगी थी वे उसे उठा नहीं सकते थे।उन्होंने अपना दूसरा जूता निकाला व पहले वाले के पास फेंक दिया।यह देख बाकि यात्री हैरान रह गये।उनके सहयात्री ने जब इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा,"एक पैर का जूता मेरे लिए बेकार था अब कम से कम जिस गरीब को वो मिलेगा वह उसका प्रयोग तो कर लेगा"।
behtar bahut ache
जवाब देंहटाएंकाल्पनिक दृष्टांतों की तुलना में बेहतरीन प्रस्तुति.
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