बुधवार, 14 अप्रैल 2010

जूता



एक बार ट्रेन पर चढते समय गाँधी जी का जूता पटरी पर नीचे गिर गया।ट्रेन चलने लगी थी वे उसे उठा नहीं सकते थे।उन्होंने अपना दूसरा जूता निकाला व पहले वाले के पास फेंक दिया।यह देख बाकि यात्री हैरान रह गये।उनके सहयात्री ने जब इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा,"एक पैर का जूता मेरे लिए बेकार था अब कम से कम जिस गरीब को वो मिलेगा वह उसका प्रयोग तो कर लेगा"।

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