शनिवार, 3 अप्रैल 2010

उसके जैसा भाई


आफिस से बाहर आकर रवी अपनी फारारी की तरफ देखता है जो उसके भाई ने उसके बर्थ डे पर परसों ही गिफ्ट दिया है।वो सोचता है कि वो कितना खुश किसमत है जो उसको इतना प्यार करने वाला भाई मिला।तभी एक लड़के की आवाज से उसका ध्यान भंग हो जाता है।वो देखता है कि एक लडका जो देखने से ही गरीब दिख रहा है उससे कहता है क्यों साहब आज बहुत खुस दिख रहे हो।फिर लडका तपाक से उससे कहता है कि क्यों साहब क्या आप मुझे अपने कार में घुमायेंगे ?कोई और दिन होता तो रवी उसको मना कर देता लेकिन आज वो बहुत खुस था।
कुछ देर बाद रवी और लडका कार में थे।कुछ देर बाद लडका कहता है कि साहब क्या आप अपनी कार मेरे मुहल्ले से ले के चलेंगे?रवी भाँप जाता है कि लडका क्या चाहता है वो शायद अपने मुहल्ले वालों पर रोब डालना चाहता है।अब कार लडके के मुहल्ले में थी।
तभी लडका एक घर के सामने रूक कर कहता है,एक मिनट साब जाईयेगा नहीं मै अपने छोटे भाई को लेकर आता हूँ।और वह घर के अन्दर भाग जाता है।कुछ देर बाद वह घर से बाहर आता है उसके हाथ में उसका छोटा भाई होता है जो चल नहीं सकता है।उसको कार की तरफ इसारा करते हुए वह कहता है छोटे एक दिन मै तुझे भी इसी तरह की कार दुंगा शाहब से पूछ लो उनको ये कार इनके बडे भाई ने दिया है यह कह कर वह घर के अन्दर चला गया...................

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