जब फ्लोरेंस चैडविक ने आगे देखा, तो उसे कोहरे के दिवार के सिवा कुछ नहीं दिखा।उसका शरीर शुन्न हो रहा था।वह लगभग सोलह घंटे से तैर रही थी।
वह इंग्लिश चैनल को दोनो दिशाओं में तैरकर पार करने वाली पहली महिला थी।अब उसका लक्ष्य यह था कि वह कैटेलिना आइसलैंड को तैर कर पार करे।
4 जुलाई 1952, की सुबह समुद्र बर्फ की तरह ठंडा था और कोहरा इतना घना कि उसे रक्षक नौकाएँ भी नहीं दिख रही थी।शार्क मछलियाँ तैरकर उसकी तरफ आ रही थी और राइफल की गोलियों के कारण ही वहाँ से भाग रहीं थी।
समुद्र की हाड़ कपा देने वाली ठंडी जकड़न में वह घंटो जुझती रही और लाखों लोग उसे टीवी पर देखते रहे।
उसका हिम्मत जवाब दे गया।उसे जब ये पता चला कि वो किनारे से सिर्फ आधा मील दूर थी उसे बहुत अफसोस हुआ।
फ्लोरेंस चैडविक इस लिए हारी क्योंकि कोहरे के कारण उसका लक्ष्य उसकी आखों से ओझल हो गया था।
उसने फिर कोशिश किया और वह कैटेलिना आइसलैंड पार करने वाली पहली महिला बनी व उसने पुरूषों के रिकार्ड को दो घंटे से तोडा़।
वह इंग्लिश चैनल को दोनो दिशाओं में तैरकर पार करने वाली पहली महिला थी।अब उसका लक्ष्य यह था कि वह कैटेलिना आइसलैंड को तैर कर पार करे।
4 जुलाई 1952, की सुबह समुद्र बर्फ की तरह ठंडा था और कोहरा इतना घना कि उसे रक्षक नौकाएँ भी नहीं दिख रही थी।शार्क मछलियाँ तैरकर उसकी तरफ आ रही थी और राइफल की गोलियों के कारण ही वहाँ से भाग रहीं थी।
समुद्र की हाड़ कपा देने वाली ठंडी जकड़न में वह घंटो जुझती रही और लाखों लोग उसे टीवी पर देखते रहे।
उसका हिम्मत जवाब दे गया।उसे जब ये पता चला कि वो किनारे से सिर्फ आधा मील दूर थी उसे बहुत अफसोस हुआ।
फ्लोरेंस चैडविक इस लिए हारी क्योंकि कोहरे के कारण उसका लक्ष्य उसकी आखों से ओझल हो गया था।
उसने फिर कोशिश किया और वह कैटेलिना आइसलैंड पार करने वाली पहली महिला बनी व उसने पुरूषों के रिकार्ड को दो घंटे से तोडा़।
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