सोमवार, 30 नवंबर 2009

मार्किता

मार्किता एक ऐसी लड़की है जो कठिन परिस्थितियों में रही।

उसके पिताजी ने घर छोड़ दिया था और उसकी माँ वेटर के रूप में कार्य करती थीं।

मार्किता को उसकी माँ ने बताया कि वो उसकी पढा़ई के लिए पैसे बचा रहीं हैं।

मार्किता की माँ घूमने की बहुत शौकीन थी इसका पता उनके घर की

दिवारों पर लगे दुनिया के यात्राओं के चित्र देखकर लग जाता है।

उसकी माँ ने उसे बताया कि वो उसको दुनिया भी घुमाना चाहती हैं

इसी लिए वो ओवरटाईम कर के पैसे बचा रहीं हैं।

मार्किता ने ध्यान से पूरी बात सुनी और फैसला किया कि वो

अपने माँ के फैसला किया कि वो अपने माँ के सपनों को पूरा करेगी।

लेकिन वो छोटी बच्ची क्या कर सकती थी?

गर्ल स्काउट के रूप में मार्किता ने पढा़ था कि यदि वह ढेर

सारी स्काउट बिस्कुट बेचे तो वह घूमने का ट्रिप जीत सकती है।

मार्किता ने फैसला किया।क्या आप जानते हैं?

मार्किता ने मानसिक चित्रण किया कि उसने ढेर सारे बिस्कुट बेच

लिए हैं और वो अपने माँ के साथ घुमने का ट्रिप जीत लिया है।

सुबह वो बिस्कुट बेचने निकल पडी़।

बारिष में भीगती बच्ची द्वारा बिस्कुट खरीदने के लिए आग्रह करने पर कोई मना कैसे कर सकता है?

पाँच वर्षों में उसने ब्यालिस हजार डिब्बे बेचे।उसने अपने माँ को घुमाने का सपना पूरा किया।

उसकि प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैल गई।

आई बी एम कम्पनी में बोलने के लिए बुलाया,वह बोली और हर कर्मचारी को बिस्कुट बेचा।

वाल्ट डिजनी प्रोडक्सन ने उसके विसय में कुकी लेडी नामक फिल्म भी बनाई।

उसकी पुस्तक 'हाउ टू सेल मोर कुकीज' बेस्ट सेलर बन गई।

यदि हम कुछ सोचते हैं और उसमें हमारी भावनाएं जुड़ जाती हैं तो प्रकृति उसे सत्य करने की पूरी कोशिस करती है।

हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है।

सोमवार, 23 नवंबर 2009

एक डिग्री सेल्सियस(प्रेरणा) का महत्व


 

पानी को अगर निन्यान्वे डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाए तो वह उबलने लगता है।

वह इतना गर्म हो जाता है कि उससे हमारा हाथ झुलस सकता है।

परन्तु फिर भी उसे भाप बनने के लिए एक डिग्री सेल्सियस की और आवश्यक्ता होती है|

बिना उसके वह भाप नहीं बन सकता।जब पानी भाप बन जाता है तो उससे बडे़

से बडा़ इंजन ,जहाज इत्यादि आसानी से खीचा जा सकता है।

हम जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं तो हमें,

निन्यान्वे डिग्री सेल्सियस (कडी़ मेहनत) के अलावा

एक डिग्री सेल्सियस (प्रेरणा)की भी आवश्यक्ता होती है।

प्रेरणा क्या है


अपने लक्ष्य के ओर आत्म केन्द्रित रहना ही प्रेरणा है।

गाँधी जी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित थे उन्होंने अपने लक्ष्य को

अपनी आँखो से कभी ओझल नही होने दिया।

इस तरह के कई उदाहरण आपके सामने होंगे ढूढ़ने की कोशिस तो करिए?

मेरा मानना है हम सब का जन्म सफल होने के लिए हुआ है।