शुक्रवार, 26 दिसंबर 2008

नये साल का संकल्प

मै तब तक जुटा रहूँगा जब तक मै सफल ना हो जाऊँ ।

मै इस संसार में हारने के लिये नहीं आया हूँ ,
न ही मेरी शिराओं में असफलता प्रवाहित हो रही है ।
मै कोई भेड़ नहीं जिसे कोई गडिर्या हाँके।
मै एक शेर हूँ और मै भेडो़ की झुँड की तरह
बात करने, चलने और सोने से इंकार करता हूँ।
असफलता की बलिवेदी मेरा भाग्य नहीं बन सकती।

मै तब तक जुटा रहूँगा जब तक मै सफल ना हो जाऊँ ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें