रविवार, 23 नवंबर 2008

सफलता के चार नियम

कल मैने चेतन भगत की प्रसिद्ध किताब

one night @the call centreपढ़ी उसमें

मुझे भगवान का फोन करनाव सफलता के

चार नियम बताना सबसे अच्छा लगा।

चलिये वो नियम मै आपकोभी बताता हूँ।

पहला नियम-सफल होने के लिये मनुष्यमें थोडी़ बहुत बुद्धिमानी होनी चाहिये।

दूसरा नियम-मनुष्य में थोडी़ बहुत कल्पना-शक्ति होनी चाहिये।

तीसरा नियम-मनुष्य में आत्मविश्वास होना ही चाहिये।

चौथा नियम-चौथा नियम सुनकर सायद आपचौंक जाएँ।

चौथा नियम है असफलताआप जितने भी सफल
आदमियों
को जानतें होसबके बारे में विचार करें तो वे पहले

असफल हुयेफिर जा के सफल हुये।चाहे वे गाँधी जी हो,

अटल जीहों,कलाम जी हों,लिंकन हों,टाटा हों,बिल गेट्स

हों न्युटन हों आइनस्टीन हों या कोइ अन्य।

किसी ने ठीक ही कहा है

,"यदि आप सफल होना चाहते हैंतो अपनी असफलता की दर दुगनी कर दें"

जब तक आप असफल नहीं होगे तबतक आपकी

हँसी कैसेउडा़ई जायेगी ,आप गिरेंगे नहीं तो आप

का मजाक कैसे बनायाजायेगा,आप को नकारा कैसे

सिद्ध किया जा सकता है और जबतक ऐसा नहीं

होगा तब तक आप कैसे अपने आप को साबितकर

सकते हैं।आज हम लगभग जितनी भी अच्छे

वस्तुओं का उपयोग कर रहेंहैं वे दरसल ये

कुछ शुरू में हारे लोगों की सनक का नतीजा है।

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