शनिवार, 31 मई 2008

कहानी

बोझ
पहाड़ पर एक लड़की अपनी पीठ पर अपने भाई को लादकर उपर चढ़ रही थी।
जब एक राह्गीर ने यह देखा तो उसने सहानुभूतिपूर्वक कहा,"अरे,इतनी छोटी लड़की
और इतना भारी बोझ?"लड़की ने कहा,"बोझ?कौन सा बोझ?"राह्गीर ने उसके भाई
की तरफ इशारा करते हुये कहा,"इसका बोझ।"लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा,"यह बोझ नहीं है;यह तो मेरा भाई है।"राह्गीर आवाक सा खाड़ा रह गया।

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