बोझ
पहाड़ पर एक लड़की अपनी पीठ पर अपने भाई को लादकर उपर चढ़ रही थी।
जब एक राह्गीर ने यह देखा तो उसने सहानुभूतिपूर्वक कहा,"अरे,इतनी छोटी लड़की
और इतना भारी बोझ?"लड़की ने कहा,"बोझ?कौन सा बोझ?"राह्गीर ने उसके भाई
की तरफ इशारा करते हुये कहा,"इसका बोझ।"लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा,"यह बोझ नहीं है;यह तो मेरा भाई है।"राह्गीर आवाक सा खाड़ा रह गया।
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